तारीख | आयोजन | समय |
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बुधवार, दि. २७ अगस्त २०२५ | गणेश जी का आगमन | सुबह 8:30 बजे |
बुधवार, दि. २७ अगस्त २०२५ | गणेश जी की प्राणप्रतिष्ठापना | सुबह ११.११ बजे |
बुधवार, दि. २७ अगस्त २०२५ | पद्मनाभ स्वामी मंदिर की विद्युत रोषनाई का उद्घाटन | शाम ७.०० बजे |
बुधवार, दि. २७ अगस्त २०२५ | गणेश याग प्रारम्भ २०२५ | दोपहर 1 बजे |
गुरुवार, दि. २८ अगस्त २०२५ | ३५००० माता बहनों का सामुदायिक अथर्वशीर्ष पठण | प्रातः ६ बजे |
गुरुवार, दि. २८ अगस्त २०२५ | हरी जागर | रात १० से १२ बजे तक |
गुरुवार, दि. २८ अगस्त से शुक्रवार, दि.५ सितंबर २०२५ | दैनिक अभिषेक पूजा | सुबह ७ से शाम ५ बजे तक |
शुक्रवार, दि. २९ अगस्त २०२५ | सामुहिक सूर्यनमस्कार | सुबह ६ बजे |
शनिवार, दि. ३० अगस्त २०२५ | सामुदायिक अग्निहोत्र | प्रातः ६ से ७ बजे तक |
बुधवार, दि. ३ सितंबर २०२५ | मंत्र जागर ( भागवत एकादशी ) | दोपहर ४ बजे |
शुक्रवार, दि. ५ सितंबर २०२५ | सत्यविनायक पूजा | शाम ४.०० से ६.०० बजे तक |
शुक्रवार, दि. ५ सितंबर २०२५ | हल्दी-कुमकुम | शाम ६.०० से ८.०० बजे तक |
शनिवार, दि. ६ सितंबर २०२५ | मंगलमूर्तीची वैभवशाली विसर्जन मिरवणूक | शाम 4 बजे |
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति बप्पा करोड़ों भक्तों का श्रद्धास्थान हैं। इस वर्ष गणेशोत्सव को 133 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।
प्रतिवर्ष की तरह हम देश के विभिन्न मंदिरों और राजमहलों की प्रतिकृतियाँ आकर्षक सजावट और देखावे के रूप में प्रस्तुत करते आए हैं। इससे भारत की विविध और समृद्ध संस्कृति का परिचय यहाँ के भक्तों को मिलता है तथा यहाँ के लोगों और उन-उन राज्यों के भक्तों के बीच एक भावनात्मक बंध और भी सुदृढ़ होता है।
इसी दृष्टिकोण से, इस वर्ष हम केरल राज्य के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर – जिसका लौकिक महत्व संपूर्ण विश्व में है – को सजावट के रूप में साकार कर रहे हैं। इस सजावट में विशेष रोशनी और कलात्मक आभा का संगम होगा।
गणपति बप्पा का अद्वितीय मखर एवं उस मखर के ऊपर श्री पद्मनाभस्वामी की शेषशायी स्वरूप में मूर्ति
विराजमान होगी। यह भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा।
इस अवसर पर सभी गणेशभक्तों को इस वर्ष के गणेशोत्सव में हार्दिक निमंत्रण!
आप पधारें, बप्पा के दर्शन करें और पावन बनें।
धन्यवाद।
जय गणेश!